धरती आबा अभियान: अंगाई पंचायत सरमथुरा ब्लाक में 30 से अधिक आदिवासी जनजातिय समुदाय के लोगों को मिला धरती आबा कैम्प का लाभ
धरती आबा अभियान: अंगाई पंचायत सरमथुरा ब्लाक में 30 से अधिक आदिवासी जनजातिय समुदाय के लोगों को मिला धरती आबा कैम्प का लाभ
धौलपुर, राजस्थान – जनजातीय समुदायों के जीवन स्तर में सुधार और उनके अधिकारों तक आसान पहुँच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया धरती आबा अभियान धौलपुर जिले में तेजी से प्रगति कर रहा है।
अभियान का उद्देश्य एक समग्र सरकारी दृष्टिकोण के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल, और सामाजिक सुरक्षा सेवाओं को एकीकृत तरीके से जमीनी स्तर तक पहुँचाना है। इसके तहत ग्राम स्तरीय शिविर, सूचना-संचार (IEC) गतिविधियाँ, और संतृप्ति अभियान के माध्यम से समुदायों को सशक्त किया जा रहा है। इसी उद्देश्य के साथ १६ जून २०२५ को अंगाई पंचायत में धरती आबा कैम्प की शुरुवात की गयी और विभिन्न योजनाओं अंतर्गत 30 से अधिक जनजातीय समुदाय के लोगो को लाभ प्रदान किया गया ।
पंचायत स्तर पर ११ विशेष योजनाएँ से जुडी हुई निम्न गतिविधियाँ आयोजित की गयीं:
1. आधार कार्ड कैंप
2. राशन कार्ड कैंप
3. आयुष्मान भारत कार्ड पंजीकरण
4. जाति प्रमाण पत्र
5. मूल निवास प्रमाण पत्र
6. किसान क्रेडिट कार्ड (KCC)
7. जनधन खाता खुलवाना
8. बीमा कवरेज (PMJJBY/PMSBY)
9. सामाजिक सुरक्षा पेंशन (वृद्धावस्था, विधवा, दिव्यांग पेंशन)
10. रोज़गार एवं जीविका योजनाएँ (मनरेगा, पीएम विश्वकर्मा योजना, मुद्रा लोन)
11. महिला एवं बाल कल्याण योजनाएँ (PMMVY, आंगनवाड़ी लाभ, टीकाकरण)
मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ), जिला परिषद, आईएएस अव्हद निवृत्ति जी द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन किया गया व इन गतिविधियों की सीधी समीक्षा ब्लाक विकास अधिकारी द्वारा की गयी। कैंप के दौरान ABDO सुरेन्द्र सिंह मीना कैंप प्रभारी के रूप में मौजूद रहे, लाला राम जात ग्राम विकास अधिकारी, सहायक दशरत पूरी , सहायक सुषमा मीना, संजू, अनीता शर्मा अन्गंवादी कार्यकर्त्ता व आम जन ने भागीदारी ली, धरती आबा कैम्प के विशेष आयोजन हेतु पिरामल फाउंडेशन टीम का सहयोग रहा।
इसी क्रम में 15 जून २०२५ से 30 जून २०२५ तक ४४ गावों में इस तरह के कैम्प का आयोजन किया जाना है, जिसके द्वारा आदिवासी जनजाति को विभिन स्कीम के माध्यम से लाभ पहुँचाने पर जोर दिया जा रहा है।
धरती आबा अभियान जनजातीय विकास का एक समर्पित मॉडल बनता जा रहा है, जो विभागीय समन्वय, प्रभावी क्रियान्वयन और समुदाय की भागीदारी के ज़रिए समावेशी और सतत विकास की दिशा में ठोस कदम उठा रहा है।