गत तीन वर्षों में लगभग 49 हजार प्रकरणों का निस्तारण,वर्ष 2022 तक कोई प्रकरण लंबित नहीं- मुख्य सूचना आयुक्त 

गत तीन वर्षों में लगभग 49 हजार प्रकरणों का निस्तारण,वर्ष 2022 तक कोई प्रकरण लंबित नहीं- मुख्य सूचना आयुक्त 
गत तीन वर्षों में लगभग 49 हजार प्रकरणों का निस्तारण,वर्ष 2022 तक कोई प्रकरण लंबित नहीं- मुख्य सूचना आयुक्त 

गत तीन वर्षों में लगभग 49 हजार प्रकरणों का निस्तारण,वर्ष 2022 तक कोई प्रकरण लंबित नहीं- मुख्य सूचना आयुक्त 

जयपुर, 7 दिसंबर – राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त श्री डी.बी. गुप्ता ने कहा कि पूर्व में 2007 से 56 हजार 484 प्रकरण लंबित थे जिन्हें आयोग द्वारा प्राथमिकता से लेते हुए गत तीन वर्षों में 48 हजार 749 प्रकरणों का ऐतिहासिक निस्तारण किया जा चुका है तथा वर्तमान में 2022 तक कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। श्री गुप्ता ने बताया कि कोविड़ की कठिन परिस्थितियों में भी लगभग एक हजार 500 प्रकरणों का निस्तारण प्रतिमाह किया गया है। 

श्री गुप्ता आज गुरुवार को जयपुर में राज्य सूचना आयोग में प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि लंबित प्रकरणों के त्वरित निस्तारण एवं आरटीआई लगाने में सुलभता के लिए कई नवाचार किए गए हैं। जिनमें से विशिष्ट अदालतें, स्पीड पोस्ट ,ऑनलाइन आवेदन, ऑनलाइन सुनवाई साथ ही न्यायालयों की कमी को देखते हुए दो न्यायालय कक्षों का निर्माण भी करवाया गया है।

विशिष्ट अदालत में 4 हज़ार 154 प्रकरणों का हुआ निस्तारण

श्री गुप्ता ने बताया कि विभागों तथा संभागों में लंबित प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के लिए सितंबर 2021 से राजकीय अवकाश के दिन विशिष्ट अदालतें आयोजित की गई। जिनमें अब तक 15 विशिष्ट अदालतों के माध्यम से 4 हजार 154 प्रकरणों का निस्तारण किया गया है। इन विशिष्ट अदालतों का आयोजन संभाग में ही जाकर किया गया जिससे वहां लंबित प्रकरणों का शीघ्र निपटाया जा सके।

स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेजे जा रहे नोटिस एवं निर्णय

मुख्य सूचना आयुक्त ने बताया की अपीलों की सुनवाई के नोटिस, दस्तावेज एवं निर्णय फरवरी 2022 से स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेजने का नवाचार किया गया है। जिसके कारण अब परिवादी को नोटिस समय पर नहीं मिलने की शिकायत समाप्त हो गई है।

द्वितीय अपील का आवेदन हुआ ऑनलाइन

श्री गुप्ता ने बताया कि पहले अपीलार्थी जो दूरदराज क्षेत्र में रहते है उन्हें कार्यालय आने में परेशानी का सामना करना पड़ता था साथ ही समय एवं पैसा भी खर्च होता था लेकिन 2 अप्रैल 2022 से द्वितीय अपील दायर करने की व्यवस्था ऑनलाइन कर दी गई है। जिससे उनका पंजीयन, सुनवाई तिथि का नोटिस तथा अंतिम निर्णय तक समस्त कार्यवाही ऑनलाइन की जा रही है।

अपीलार्थी को मिल रहा ऑनलाइन सुनवाई का विकल्प

श्री गुप्ता ने बताया कि तीन न्यायालयों में ऑनलाइन सुनवाई की सुविधा पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू कर दी गई है। जिसके तहत परिवादी अपनी सुनवाई के लिए हाइब्रिड मोड यानी व्यक्तिगत रूप से सुनवाई अथवा ऑनलाइन सुनवाई में से किसी एक विकल्प को चुन सकता है। श्री गुप्ता ने आयोग में सूचना आयुक्त के पदों की जानकारी देते हुए बताया कि उनके कार्यकाल में एक सूचना आयुक्त का पद जोधपुर में भी सृजित किया गया।

इस अवसर पर सूचना आयोग के सद्स्य श्री एम. एल लाठर, सुश्री शीतल धनकड़ सहित आयोग के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे।