झारखंड : रेलवे का ऐलान- भूत दिखाया तो 50 हजार का इनाम 47 साल तक नहीं रूकी इस स्टेशन पर कोई ट्रेन आखिर क्यों इतना डरावना था ये स्टेशन
झारखंड : रेलवे का ऐलान- भूत दिखाया तो 50 हजार का इनाम, 47 साल तक नहीं रूकी इस स्टेशन पर कोई ट्रेन, आखिर क्यों इतना डरावना था ये स्टेशन
रांची : भुतहा स्टेनशन के नाम से प्रसिद्ध रांची रेल मंडल के झालदा के बेगुनकोदर स्टेशन फिर से चर्चाओं में है। इस बार चर्चा रेलवे के ऐलान की है। दरअसल लोगों के मन से डर हटाने के लिए रेलवे ने ऐलान किया है कि अगर कोई वहां भूत दिखा दे तो उसे 50 हजार रुपए का इनाम मिलेगा। करीब 56 साल पहले इस स्टेशन की भूत रहस्य की बात लीक हुई थी। आपको बता दें कि वर्ष 1960 में यह स्टेशन बनकर तैयार हुआ था, भूतहा स्टेशन की अफवाह के बाद से यह काफी समय से बंद था। लोग इस अफवाह से काफी डरने लगे थे।लोगों के अंदर डर इतना बढ़ गया कि लोगों ने डर कर इस स्टेशन को बंद कर दिया.जिसके बाद साल 2007 में इसे खोल दिया गया।
कुछ लोगों का कहना है कि वहां के तत्कालीन स्टेशन मास्टर ने ये अफवाह उडाई थी। वह यहां से ट्रांस्फर चाहते थे। इसलिए उन्होनें भूत की अफवाह गढ़ी। हालांकि भूत की कहानी पर अब भी कुछ लोग विश्वास करते हैं,इस वजह से जब स्टेशन दोबारा से खुला तो वहां ट्रेनें सिर्फ दिन में हीं रुकती थी, लेकिन अब यहां ट्रेन दिन और रात दोनों टाइम रुकती है।
भूत चतुर्दशी से पहले इलाके के एक बुजुर्ग ने इसका राज खोला। उस समय स्टेशन मास्टर बैद्यनाथ सरकार थे, जिन्होंने भूत दिखने की बात पूरी तरह झूठी गढ़ी थी। बेगुनकोदर थाना क्षेत्र के निवासी व शिक्षक परमेश्वर कुमार व शंकर कुमार ने बताया कि दरअसल, स्टेशन मास्टर की चार बेटियां इलाके में छेड़छाड़ की शिकार हुई थीं। लिहाजा वह ट्रांसफर चाहते थे। नहीं मिलने पर उन्होंने भूत की कहानी गढ़ी।
उस समय स्टेशन का इलाका सुनसान था। स्टेशन मास्टर के अलावा एक और कर्मचारी था। दक्षिण पूर्व रेलवे के रांची डिविजन के इस स्टेशन के बगल में एक गांव है बामनिया, जो मौजा बेगुनकोदर में है। इसलिए स्टेशन का नाम बेगुनकोदर है। भूतिया आरोपों के कारण सदियों तक बंद रहने के बाद काफी आंदोलन के बीच 2007 में इस स्टेशन को दोबारा खोला गया, लेकिन रेलवे की शर्त थी कि इस स्टेशन पर ट्रेनें केवल दिन में ही रुकेंगी।
वहां रेलवे एजेंट के जरिए टिकट बेचे जाएंगे। तब से यह परंपरा आज भी जारी है। हालांकि, प्रशासन द्वारा यह साबित करने के बाद कि इस स्टेशन पर कोई भूत नहीं हैं, फिलहाल रात में भी ट्रेनें रुक रही हैं। रेलवे कार्यालय की ओर से स्टेशन सौंदर्यीकरण का काम शुरू हो गया है, लेकिन भूत का लेबल अभी नहीं कटा है। यह सीमांत स्टेशन अपनी भूतिया बदनामी और अफवाहों के साथ सब भी लोगों के दिल में रच बस गया है।