पराक्रम दिवस के रूप में विधि महाविद्यालय में मनाई नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती
पराक्रम दिवस के रूप में विधि महाविद्यालय में मनाई नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती
धौलपुर : विधि महाविद्यालय में महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती के अवसर पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हे नमन किया l कॉलेज प्राचार्य डॉ. आरसी मीना ने कहा है कि लाखों भारतीय युवाओं के आदर्श और नेताजी के नाम से मशहूर सुभाष चंद्र बोस ने तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा....! जय हिन्द, चलो दिल्ली जैसे ज्वलंत नारे दिए जिन्होंने आजादी की लड़ाई की धार को तेज किया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को उड़ीसा के कटक शहर में हुआ था। वही प्रोफेसर चंदशेखर दीक्षित ने बताया है कि नेताजी ने आजादी की जंग में शामिल होने के लिए भारतीय सिविल सेवा की आरामदेह नौकरी ठुकरा दी। नेताजी ने अपना शेष जीवन भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराने में समर्पित करने का फैसला किया। 1919 में हुए जलियांवाला बाग कांड ने उन्हें इस कदर विचलित कर दिया कि वह आजादी की लड़ाई में कूद पड़े। अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए उन्हें कई बार जेल में डाला गया लेकिन देश को आजाद कराने का उनका निश्चय और दृढ़ होता चला गया। वही प्रो. नीलू गोयल और हेमलता मीना ने बताया कि आज के युवा सुभाष चंद्र बोस के व्यक्तित्व से प्रेरणा लेते हैं। उनके विचार और उनके कथन आज भी भारतीय जनता के दिलों में बसे हुए हैं। उनके ऊर्जावान नारे आज भी प्रासंगिक हैं। जय हिंद का नारा लगाते ही माहौल देशभक्ति से भर जाता है। आज का दिन नेताजी के जीवन और त्याग व बलिदान से सीख लेना का दिन है। आज हमें उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लेना चाहिए। इस मौके पर पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष राहुल जाट, धीरेंद्र कुशवाह, पूजा कुमारी, सोनम शर्मा, रविंद्र, राधा शर्मा, हेमन्त, अतुल रावत, अमित जाट, मनु राज ठाकुर, अमर पाल इत्यादि विधार्थी उपस्थित रहें l