ताइवान पर हमले की तैयारी कर रहा चीन? रिपोर्ट में खुलासा- परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है ड्रैगन

ताइवान पर हमले की तैयारी कर रहा चीन? रिपोर्ट में खुलासा- परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है ड्रैगन

ताइवान पर हमले की तैयारी कर रहा चीन ? रिपोर्ट में खुलासा- परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है ड्रैगन

चीनी सेना) अपनी रॉकेट फोर्स को मजबूत कर रही है, साथ ही ताइवान स्ट्रेट के आसपास चीन ने नई मिसाइल बटालियन तैनात की हैं।

अमेरिका के रक्षा विभाग की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन, ताइवान पर हमले की तैयारी कर रहा है। इस साल चीन ने सैन्य तौर पर ताइवान पर काफी दबाव बनाया और कई बार ताइवान की सीमा का उल्लंघन किया। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अब चीन एक कदम आगे बढ़कर ताइवान पर हमले की तैयारी कर रहा है। इतना ही नहीं अमेरिका की एक रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि ताइवान को लेकर परमाणु युद्ध हो सकता है।

*अपनी रॉकेट फोर्स को मजबूत कर रही पीएलए

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका के रक्षा विभाग ने हाल ही में 'मिलिट्री एंड सिक्योरिटी डेवलेपमेंट इन्वोल्विंग द पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना' नामक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन की सेना ताइवान को हवाई और समुद्री रास्ते से ब्लॉक करने की रणनीति पर काम कर रही है और युद्ध की स्थिति में चीन की सेना द्वारा ताइवान पर मिसाइल और एयरस्ट्राइक की जा सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएलए (चीनी सेना) अपनी रॉकेट फोर्स को मजबूत कर रही है, साथ ही ताइवान स्ट्रेट के आसपास चीन ने नई मिसाइल बटालियन तैनात की हैं।

*युद्ध में परमाणु हथियारों का हो सकता है इस्तेमाल

अमेरिका के ही सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ने एक अन्य रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ताइवान युद्ध में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल हो सकता है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि अमेरिका अगर अपने परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ाने और उसे आधुनिक करने का फैसला करता है तो भी चीन, ताइवान पर परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने से पीछे नहीं हटेगा। अमेरिका में नीति निर्माताओं का एक वर्ग मानता है कि चीन को ताइवान पर हमला करने से रोकने और चीन पर दबाव बनाने के लिए अमेरिका को अपने परमाणु हथियारों को आधुनिक करना चाहिए, लेकिन अब नई रिपोर्ट में कहा गया है कि इसका चीन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।