जोधपुर के अन्तर्राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्वान् प्रो. हरिशंकर शर्मा का निधन

जोधपुर के अन्तर्राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्वान् प्रो. हरिशंकर शर्मा का निधन

जोधपुर के अन्तर्राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्वान् प्रो. हरिशंकर शर्मा का निधन

जोधपुर में जन्मे, जामनगर स्थित विश्व के प्रथम आयुर्वेद विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर एवं डीन रहे तथा जापान में आयुर्वेद का प्रचार प्रसार करने वाले प्रो. हरि शंकर शर्मा का कल नई दिल्ली के निजी अस्पताल में उपचार के दौरान निधन हो गया तथा उनका अन्तिम संस्कार आज जोधपुर में किया गया। बाल्यकाल से ही कुशाग्र बुद्धि के धनी प्रो.शर्मा ने तत्कालीन निदेशक एवं सुप्रसिद्ध आयुर्वेदज्ञ वैद्य यादवजी त्रिकमजी के सान्निध्य में वर्ष 1956 में विश्व के एकमात्र आयुर्वेद स्नातकोत्तर संस्थान जामनगर से स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की और वहीं अध्यापन और शोध कार्यों में संलग्न हो गए। इसी बीच वे जयपुर में वर्ष 1979 में नवस्थापित राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के निदेशक भी रहे। आपने अनेक देशों में आयुर्वेद विज्ञान के वैज्ञानिक तथ्यों को प्रस्तुत कर पश्चिमी देशों में आयुर्वेद के प्राचीन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ज्ञान का अनेक अवसरों पर प्रचार प्रसार किया। अभी हाल ही में आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर में बाल स्वास्थ्य विषयक अन्तर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस 'कौमारकोन-23' में प्रो. शर्मा ने उद्घाटन समारोह में माननीय राज्यपाल श्री कलराज मिश्रा के साथ तथा समापन समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में सहभागिता की थी। प्रो. शर्मा ने गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय जामनगर से सेवा निवृत्ति के बाद जापान को अपनी कर्मभूमि बनाया और वहां अनेकों विख्यात चिकित्सकों ने उनका विद्यार्थी बन कर आयुर्वेद सीखा। जापान में उन्होंने अपनी पत्नी डा. इनामूरा हिरोई के साथ जापान आयुर्वेद सोसायटी की स्थापना की और वहां सोसायटी के तत्वावधान में प्रति दो वर्ष से एक अन्तर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस का आयोजन करवाते थे। जापान आयुर्वेद सोसायटी की अक्टूबर 2022 में आयोजित कांफ्रेंस में आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर के बालरोग विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. प्रेम प्रकाश व्यास ने मुख्य अतिथि के रूप में सहभागिता की थी तथा जापान के चार महानगरों में उनके स्वर्णप्राशन सहित आयुर्वेद के विशिष्ट व्याख्यान आयोजित हुए थे। जापान आयुर्वेद सोसायटी प्रो. शर्मा रा. स्व. संघ के बाल्यकाल से स्वयंसेवक थे और तत्कालीन सरसंघचालक स्व. गोलवलकर गुरूजी के सान्निध्य में नागपुर में प्रशिक्षण शिविर में भाग लिया था। वे वर्तमान में हिन्दू महासभा जापान के अध्यक्ष थे। प्रो. शर्मा ने यूरोपियन यूनियन पार्लियामेंट में आयुर्वेद के मुख्य वक्ता के रूप में भाषण दिया था। आरोग्य भारती जोधपुर द्वारा वर्ष 2021 के धन्वंतरि जयंती समारोह में उन्हें लाईफ टाईम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। वे अनेकों विश्वविद्यालयों और अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से जुड़े रहे। 96 वर्षीय प्रो. शर्मा को आयुर्वेद के आज के युग का भीष्म पितामह भी कहा जाता था। प्रो. शर्मा के निधन पर आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर के कुलपति प्रो. वैद्य प्रदीप कुमार प्रजापति, जापान आयुर्वेद सोसायटी के डा . मकोटो यनागिदा, डा. योइचि टोकुनागा यूरोपियन आयुर्वेद अकादमी के निदेशक डा. वेंकट नारायण जोशी, इंग्लैंड के डा. रघुनंदन शर्मा, अमेरिका की ग्लोबल आयुर्वेद अकादमी के निदेशक डा. शेखर अन्नमबोटला, आयुर्वेद विश्वविद्यालय के पूर्व डीन रिसर्च प्रो. प्रेम प्रकाश व्यास, प्राचार्य प्रो. महेन्द्र कुमार शर्मा और सभी शिक्षकों ने शोक व्यक्त किया है।